बुधवार, 24 अगस्त 2016
अनुमोदित शिक्षक संघ के गठन का प्रयास महाविद्यालयी शिक्षको ने किया
दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्याल के स्ववित्तपोषित महाविद्यालय के शिक्षको ने अनुमोदित शिक्षक संघ के गठन का प्रयास किया है. शिक्षको में इस संघ को लेकर काफी उत्साह है। प्रस्तुत है संघ के कुछ लोगो के विचार
दीपक मिश्र -
मित्रों अब हमें अन्तिम लड़ाई लड़नी होगी ,जो करो या मरो की रहेगी।हमारे पढाये हुऐ बच्चों को सरकार एवं विश्वविधालय मान्यता दे रही है।हम समस्त मानकों को भी पूरा कर रहें हैं,फिर हम लोगों के साथ यह अन्याय क्यों हो रहा है ?हमारे प्रबंधकों ने सरकार को अपने संसाधनों से विधालय चलाने के लिए लिख के दिया है परन्तु हम लोगों ने कहीं लिख के नहीं दिया है कि हम सब इतने कम वेतन पर अपनी सेवा देंगे ।मित्रों हमारी केवल सरकार से एक मांग है हमें अनुदानित महाविधालयों के अध्यापकों वाली समस्त सुविधाऐं चाहिऐं।
डॉ. इ तेन्द्र धर दुबे-
अनुमोदित शिक्षक संघ यूपी के सदस्यों से निवेदन है कि वह अपना परिचय जो लोग अभी तक नहीं दिये हैं जल्द से जल्द नाम कालेज का नाम व विभाग सहित परिचय देने का कष्ट करें। जिनके पास वाट्सप नहीं है उन लोगों का नाम मोबाईल व कालेज का नाम विभाग सहित कोई भी भेज सकता है वही उनका परिचय हो जायेगा। सहयोग के लिए आप सभी के प्रति धन्यवाद है।
डॉ. अजय सिंह ने बताया की-
साथियो आप को ये जानकर हर्ष होगा की श्री जे0पी0 जी के अथक प्रयास से हम किसी हद तक सफल हो गए है। महामहीम राज्यपाल श्री राम नाइक जी और प्रधानमन्त्री ऑफिस के उ0प्र0 शासन को दिए गए निर्देश के बाद 23/08/2016 को प्रमुख सचिव उ0प्र0 ने समस्त विश्वविद्यालयो के कुल सचिवो की मीटिंग बुलाई है।जिसमे उन्हें स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के शिक्षको के सम्बन्ध में दिशा निर्देश दिए।
डॉ आशीष कुमार सिंह प्रभारी विभागाध्यक्ष बी एड श्रीमती द्रौपदी देवी त्रिपाठी पी जी कॉलेज खजनी गोरखपुर ने कहा की -
कृपया सभी मित्र स्ववित्तपोषित महाविद्यालय की समस्याओं की सूची बनाये।
एक सेमिनार आयोजित करने का प्रयास करे।।
और सुझा व् दे जिससे संघटन मजबूत हो सके।
ध्रुवचंद ने सुझाया की
समस्या 1:बी एड.प्राध्यापकों की सेलरी हर कॉलेज मे असमान है ।
2:प्रबन्ध तंत्र का मनमाना रवैया ।
डॉ. आशीष उ कहा की -
२०१२ में प्रदेश सरकार ने ऑडिट करवाया था। उसके आधार पर बी एड का फी निर्धारित किया गया था। अन्य पाठ्यक्रमो के लिए भी पूर्व ही शासनादेश जारी हुआ था।
हाल ही में माननीय न्यायालय ने भी 70 से 80 प्रतिसत वेतन पर खर्च करने का निर्देश दिया है।
लेकिन इस विषय को उठाने वाले कोई नहीं है।
एक बात और हम किसी का विरोध नहीं कर रहे है।
हमारी लड़ाई प्रबंध तंत्र से नहीं है।
हमारी लड़ाई सासन से नहीं है।
हम तो अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे है।
इसलिए किसी के मन में संकोच नहीं होना चाहिए।
क्योकि न्याय माँगना अपराध नहीं होता है।
और हमें न्याय चाहिए।
3rd क्लास से कम से कम 1 रूपये ज्यादा वेतन चाहिए।
नहीं तो हमें असिस्टेंट प्रोफेसर भी न कहा जाये।
हमारा अनुमोदन एक शिक्षक के रूप न किया जाय।
डॉ. दुबे ने कहा
आप सभी अनुमोदित शिक्षक संघ के सदस्यों से आग्रह है कि तारीख, स्थान, दिन एवं समय का चयन कर एक बैठक किया जाय और आगे कि रणनीति तैयार किया जाय। डाँ० इतेन्द्र धर दूबे चन्द्रकान्ति रमावति देवी पीजी कालेज गोरखपुर बी०एड० विभाग
दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्याल के स्ववित्तपोषित महाविद्यालय के शिक्षको ने अनुमोदित शिक्षक संघ के गठन का प्रयास किया है. शिक्षको में इस संघ को लेकर काफी उत्साह है। प्रस्तुत है संघ के कुछ लोगो के विचार
दीपक मिश्र -
मित्रों अब हमें अन्तिम लड़ाई लड़नी होगी ,जो करो या मरो की रहेगी।हमारे पढाये हुऐ बच्चों को सरकार एवं विश्वविधालय मान्यता दे रही है।हम समस्त मानकों को भी पूरा कर रहें हैं,फिर हम लोगों के साथ यह अन्याय क्यों हो रहा है ?हमारे प्रबंधकों ने सरकार को अपने संसाधनों से विधालय चलाने के लिए लिख के दिया है परन्तु हम लोगों ने कहीं लिख के नहीं दिया है कि हम सब इतने कम वेतन पर अपनी सेवा देंगे ।मित्रों हमारी केवल सरकार से एक मांग है हमें अनुदानित महाविधालयों के अध्यापकों वाली समस्त सुविधाऐं चाहिऐं।
डॉ. इ तेन्द्र धर दुबे-
अनुमोदित शिक्षक संघ यूपी के सदस्यों से निवेदन है कि वह अपना परिचय जो लोग अभी तक नहीं दिये हैं जल्द से जल्द नाम कालेज का नाम व विभाग सहित परिचय देने का कष्ट करें। जिनके पास वाट्सप नहीं है उन लोगों का नाम मोबाईल व कालेज का नाम विभाग सहित कोई भी भेज सकता है वही उनका परिचय हो जायेगा। सहयोग के लिए आप सभी के प्रति धन्यवाद है।
डॉ. अजय सिंह ने बताया की-
साथियो आप को ये जानकर हर्ष होगा की श्री जे0पी0 जी के अथक प्रयास से हम किसी हद तक सफल हो गए है। महामहीम राज्यपाल श्री राम नाइक जी और प्रधानमन्त्री ऑफिस के उ0प्र0 शासन को दिए गए निर्देश के बाद 23/08/2016 को प्रमुख सचिव उ0प्र0 ने समस्त विश्वविद्यालयो के कुल सचिवो की मीटिंग बुलाई है।जिसमे उन्हें स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों के शिक्षको के सम्बन्ध में दिशा निर्देश दिए।
डॉ आशीष कुमार सिंह प्रभारी विभागाध्यक्ष बी एड श्रीमती द्रौपदी देवी त्रिपाठी पी जी कॉलेज खजनी गोरखपुर ने कहा की -
कृपया सभी मित्र स्ववित्तपोषित महाविद्यालय की समस्याओं की सूची बनाये।
एक सेमिनार आयोजित करने का प्रयास करे।।
और सुझा व् दे जिससे संघटन मजबूत हो सके।
ध्रुवचंद ने सुझाया की
समस्या 1:बी एड.प्राध्यापकों की सेलरी हर कॉलेज मे असमान है ।
2:प्रबन्ध तंत्र का मनमाना रवैया ।
डॉ. आशीष उ कहा की -
२०१२ में प्रदेश सरकार ने ऑडिट करवाया था। उसके आधार पर बी एड का फी निर्धारित किया गया था। अन्य पाठ्यक्रमो के लिए भी पूर्व ही शासनादेश जारी हुआ था।
हाल ही में माननीय न्यायालय ने भी 70 से 80 प्रतिसत वेतन पर खर्च करने का निर्देश दिया है।
लेकिन इस विषय को उठाने वाले कोई नहीं है।
एक बात और हम किसी का विरोध नहीं कर रहे है।
हमारी लड़ाई प्रबंध तंत्र से नहीं है।
हमारी लड़ाई सासन से नहीं है।
हम तो अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे है।
इसलिए किसी के मन में संकोच नहीं होना चाहिए।
क्योकि न्याय माँगना अपराध नहीं होता है।
और हमें न्याय चाहिए।
3rd क्लास से कम से कम 1 रूपये ज्यादा वेतन चाहिए।
नहीं तो हमें असिस्टेंट प्रोफेसर भी न कहा जाये।
हमारा अनुमोदन एक शिक्षक के रूप न किया जाय।
डॉ. दुबे ने कहा
आप सभी अनुमोदित शिक्षक संघ के सदस्यों से आग्रह है कि तारीख, स्थान, दिन एवं समय का चयन कर एक बैठक किया जाय और आगे कि रणनीति तैयार किया जाय। डाँ० इतेन्द्र धर दूबे चन्द्रकान्ति रमावति देवी पीजी कालेज गोरखपुर बी०एड० विभाग
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